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अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है, ललकार रही दुनिया हमको भेरी आवाज उठाती है।।
है ध्येय हमारा दूर सही पर साहस भी तो क्या कम है, हमराह अनेकों साथी हैं कदमों में अंगद का दम है, असुरों की लंका राख करे वह आग लगानी आती है।।
पग पग पर कांटे बिछे हुये व्यवहार कुसलता हम में है, विश्वास विजय का अटल लिए निष्ठा कर्मठता हम में है, विजयी पुरखों की परंपरा अनमोल हमारी थाती है।।
हम शेर शिवा के अनुगामी राणा प्रताप की आन लिए, केशव माधव का तेज लिए अर्जुन का सरसन्धान लिए, संगठन तंत्र की शक्ति है वैभव का चित्र सजाती है।।
अब जाग उठो कमर कसो मंजिल की राह बुलाती है, ललकार रही हमको दुनिया भेरी आवाज लगाती है।।
परिचय
नदीगांव, जलौन जिले एवं मध्यप्रदेश की सीमा पर पहूज नदी के किनारे स्थित ऐतिहासिक नगर है यह रियासत काल में तहसील थी, वर्तमान काल में नगर पंचायत एवं विकास खण्ड कार्यालय स्थित है।नदीगांव क्षेत्र में कई कालोमीटर दूर तक न तो इण्टरमीडिएट स्तर पर विज्ञान वर्ग के विद्यालय न ही महाविद्यालय उपलब्ध हैं। इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा एवं विज्ञान वर्ग की शिक्षा की कमी प्रारंभिक समय से ही महसूस की जा रही है इसके चलते छात्रों को शिक्षा ग्रहण करने हेतु बाहर जाना पड़ता है।परन्तु ग्रामीण अंचल के छात्र-छात्रायें या तो उच्च शिक्षा से बंचित रह जाते हैं अथवा समझौतों के साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं।इन्हीं समस्याओं को देखते हुए हर बालक बालिका शिक्षा के आभूषण से अलंकृत होकर समाज में सुशोभित हो सके इस हेतु इस पिछड़े क्षेत्र में एकता जन कल्याण समिति ने यह साहसिक कदम उठाया जो ठा.कृपाल सिंह “दादी” महाविद्यालय एवं ठा.कृपाल सिंह “दादी” बालिका इण्टर कॉलेज कला एवं विज्ञान वर्ग सौगात के रूप में क्षेत्र वासियों को प्रदान किया।इस सद्प्रयत्न से निर्धन एवं प्रतिभावान बालक/बालिकाऐं अपने क्षेत्र में ही रहकर अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकेंगें।
उद्देश्य
1. दूर दराज क्षेत्र की अभावग्रस्त प्रतिभाओं को तलाशना और तरासना है।
2. शिष्टाचार, संस्कार और स्वाभिलम्बन गुणों को विकसित करना है।
3.ऐसे शैक्षिक वातावरण का प्रबंधन जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।
4.शिक्षक शिक्षार्थी सम्बन्ध मधुर और मजबूत बनाने की प्रतिक्रियाओं का बलप्रदान करना।
5.आज के. प्रतिस्पर्धा के युग की आवश्यकताओं को देखते हुए विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को जागृत कर रोजगार परक शिक्षा प्रणाली द्वारा उनके भय एवं शंकाओं को दूर करना तथा जल्द सफलता प्राप्ति की ओर अग्रसर करना।
विशेष व्यवस्थाऐं
१. छात्र-छात्राओं के व्यक्तिगत निर्माण एवं उन्हें आधुनिक जानकारी से अवगत कराने हेतु समय समय पर शिक्षाविदों, विद्वानों द्वारा व्याख्यान की व्यवस्था की गई है।
२. छात्र-छात्राओं में वाद – विवाद प्रतियोगिता की व्यवस्था की गई है।
३. सुयोग्य शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
४. प्रतिभावान निर्धन छात्र/छात्राओं के लिए महाविद्यालय व शासन द्वारा छात्रवृति की व्यवस्था की गई है।
( महाविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रम )
पाठ्यक्रम अवधि योग्यता विषय
बी.ए. – त्रिवर्षीय इण्टरमिडिएट/समकक्ष हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र,अर्थशास्त्र,गृहविज्ञान, एवं अनिवार्य विषय
बी.एस.सी. – त्रिवर्षीय इण्टरमिडिएट/समकक्ष गणित, जीवविज्ञान,रसायनविज्ञान,भौतिकविज्ञान एवं अनिवार्य विषय.
प्रवेश सम्बन्धी आवश्यक निर्देश एवं नियम-
१. प्रवेश के समय विद्यार्थी को अपने नवीनतम् 8 रंगीन फोटो पासपोर्ट साइज फोटो लाना अनिवार्य है।
२. किसी भी पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष प्रवेश के लिए प्रवेश फार्म के साथ हाईस्कूल एवं इण्टरमिडिएट के अंकपत्र व प्रमाण-पत्र की सत्यापित छायाप्रति संलग्न करना आवश्यक है व साथ ही स्थानांतरण ( टी.सी.) एवं चरित्र प्रमाण-पत्र मूल रूप से फार्म साथ संलग्न करना होगा।
३. यदि अध्ययनकाल में कोई अन्तराल रहा है तो उसका शपथपत्र कारण सहित प्रस्तुत करना होगा।
४. प्रवेश के समय प्रवेशार्थी प्रवेश प्रभारी के समक्ष उपस्थिति होकर अपने समक्ष प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे।
५. सभी विद्यार्थी अपने प्रवेश फार्म पर केवल वही पता एवं मोबाइल नंबर लिखें जो कि सम्पूर्ण शैक्षिक सत्र के लिए मान्य है, जिससे कि अभिभावकों को महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराने हेतु समय- समय पर पत्रचार/दूरभाष/संदेश द्वारा सूचित किया जा सके।
६. विद्यार्थी प्रवेश लेते समय अपना प्रवेश फार्म पूर्ण रूप से भरकर प्रवेश प्रभारी को जांच कराकर ही प्रवेश फार्म जमा करें।
७. व्याख्यानों से कम से कम 75%उपस्थिति पूर्ण करने का उत्तरदायित्व विद्यार्थी का है।जो विद्यार्थी उपस्थिति पूर्ण नहीं करते हैं वे उस वर्ष परीक्षा में सम्मिलित करने से बंचित कर दिये जायेंगें।
८. महाविद्यालय में प्रवेश लेने के बाद परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित तिथि तक जमा करना होगा अन्यथा महाविद्यालय प्रशासन की कोईजिम्मेदारी नहीं होगी।
९. परीक्षा फार्म विश्वविद्यालय भेजे जाने के उपरांत परिवर्तन किसी भी दशा में सम्भव नहीं है।
१०. परीक्षा प्रवेश पत्र पुस्तकालय की सभी पुस्तकें व महाविद्यालय का कुछ भी वकाया न होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही मिलेगा।